hindi kahaniya story - An Overview
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हिन्दी कहानी
हमारी अगली कहानी भी एक पुरानी मगर क्लासिक कहानी है। चूहा और शेरनी की यह कहानी कभी पुरानी नहीं होती और बच्चों को एक अद्भुत सीख देती है, जो उन्हें जरूर जानना चाहिए।
उसने इस राजा तथा मंत्रियों की चतुराई जानने के लिए दों घोड़ियाँ भेजी और पुछवाया कि इनमें माँ कौनसी हैं और बेटी कौनसी हैं.
स्वामी ! बात यह हैं कि सभी पशुओ ने आज सभा करके और सोचकर मै बहुत छोटा हु, मुझे तथा अन्य चार खरगोशो को आपके भोजन के लिए भेजा था.
अपनी मेहनत को धुल में मिला देख बया को बड़ी ग्लानी हुई. थोड़े वक्त तक वह अपनी कराहती आवाज में रोती रही, फिर उन्हें लगा कि रोने से क्या फायदा है सिर पीटने और रोने से कोई फायदा नही हैं
एक स्थान पर उसे कुआ दिखाई दिया, उसे देखकर मन में एक विचार आया,
इस समाचार से राज्य भर में सनसनी फ़ैल गई. उस बंदी मंत्री की चारों और प्रशंसा होने लगी.
ये कहानियाँ और उससे मिलने वाली सीख छोटे बच्चों को जरुर बताएं.
माँ को लगा इस तरह उमा नही मानने वाली हैं उन्हें उपाय सुझा की किसी तरह इसे दुःख पहुचा कर उनकी गलतियों का एहसास कराया जाए.
क्यों न भासुरक को उनके वन में दुसरे सिंह के नाम से उसकी परछाई दिखाकर इस कुई में गिरा दिया जाए, यही उपाय सोचता-सोचता वह भासुरक सिंह के पास पंहुचा, सिंह उस समय भूख प्यास से व्याकुल होता हुआ,
यदि तुम बड़ा बनना चाहते हो तो बड़े बन जाने वाले व्यक्तियों को पीछे मत धकेलो, अपने आप को उनसे बड़ा बनाओ
इसलिए मैं चाहता हूँ कि सभी शिष्य विवाह में लगने वाली सामग्री एकत्र करे.
कमरे में से हो हो ही ही की आवाज आती रही. चीखते चिल्लाते और लड़ते झगड़ते रहे.
वैसे तो उसको यह कीमत कुछ ज्यादा ही लगी, मगर अपने वतन की लाज रखने की खातिर उन्होंने वो एक सूत्र खरीद लिया.
भाखर खुड्के ब्याई ब्याई म्हारा बीर- टमरकटूँ